Friday, May 2, 2025

प्राणमोल द्यावे गावे - ॐ राम कृष्ण हरि!

 ॐ

प्राणमोल द्यावे गावे -
ॐ राम कृष्ण हरि! 
ॐ राम कृष्ण हरि!ध्रु.

विकार जे दंगा करती 
पुरी पुरी फजिती करती 
चला करू गुरुचा धावा 
ॐ राम कृष्ण हरि!१

विसंगती जेथे तेथे 
मनी येत भलते सलते 
चित्तशुद्धि होण्या गाऊ 
ॐ राम कृष्ण हरि!२

वस्त्र वासनांचे फिटू दे, 
अहंसर्पिणी ती मरु दे 
ममत्व ते सरण्या गाऊ 
ॐ राम कृष्ण हरि!३

सहा अक्षरी हे नाम 
सफल करी मंगल काम 
प्रेमदीप शिकवी जप हा 
ॐ राम कृष्ण हरि!४

दत्त अंश स्वामी माझे 
विश्वरूप स्वामी माझे 
शिरोधार्य आदेशच हा 
ॐ राम कृष्ण हरि! ५

रचयिता : श्रीराम बाळकृष्ण आठवले 
१९ जानेवारी १९९४

No comments:

Post a Comment