Sunday, February 20, 2022

राम कृष्ण हरि जप नाममणि माला


राम कृष्ण हरि वद रे वद रे! १
राम कृष्ण हरि स्मर रे स्मर रे!२
राम कृष्ण हरि बघ रे बघ रे!३
राम कृष्ण हरि वदत वैखरी!४
राम कृष्ण हरि घुमत बासरी!५
राम कृष्ण हरि उठती लहरी!६
राम कृष्ण हरि नील गगन रे!७
राम कृष्ण हरि वायु लहर रे!८
राम कृष्ण हरि सूर्यकिरण रे!९
राम कृष्ण हरि छत्र शिरी रे!१०
राम कृष्ण हरि कवळ करी रे!११
राम कृष्ण हरि श्वास संथ रे!१२
राम कृष्ण हरि पवित्र मंदिर!१३
राम कृष्ण हरि प्रतिमा सुंदर!१४
राम कृष्ण हरि ध्यान शुभंकर!१५
राम कृष्ण हरि मागुति पुढती!१६
राम कृष्ण हरि अवती भवती!१७
राम कृष्ण हरि हृदय संपुटी!१८
राम कृष्ण हरि श्रवण करावा!१९
राम कृष्ण हरि हृदयी भरावा!२०
राम कृष्ण हरि जगती पहावा!२१
राम कृष्ण हरि आदिनाथ गुरु!२२
राम कृष्ण हरि आदिसिद्ध गुरु!२३
राम कृष्ण हरि थोर आदिगुरु!२४
राम कृष्ण हरि प्रेमळ जननी!२५
राम कृष्ण हरि सोशिक धरणी!२६
राम कृष्ण हरि वत्सल रजनी!२७
राम कृष्ण हरि झरा झुळझुळे!२८
राम कृष्ण हरि पान सळसळे!२९
राम कृष्ण हरि कवन स्फुरले!३०
राम कृष्ण हरि परिसा स्पंदन!३१
राम कृष्ण हरि गंधित चंदन!३२
राम कृष्ण हरि देवकिनंदन!३३
राम कृष्ण हरि भाव मधुर रे!३४
राम कृष्ण हरि स्वर सुरेल रे!३५
राम कृष्ण हरि झंकृति मधु रे!३६
राम कृष्ण हरि नित्यपाठ रे!३७
राम कृष्ण हरि मनोबोध रे!३८
राम कृष्ण हरि मार्गदीप रे!३९
राम कृष्ण हरि तापशमन रे!४०
राम कृष्ण हरि दुःखहरण रे!४१
राम कृष्ण हरि निर्वासन रे!४२
राम कृष्ण हरि कर्मयोग रे!४३
राम कृष्ण हरि भक्तियोग रे!४४
राम कृष्ण हरि ज्ञानयोग रे!४५
राम कृष्ण हरि गुरुदर्शन रे!४६
राम कृष्ण हरि गुरुकृपा रे!४७
राम कृष्ण हरि गुरुगौरव रे!४८
राम कृष्ण हरि उषःकाल रे!४९
राम कृष्ण हरि भूपाळी रे!५०
राम कृष्ण हरि ओवि मधुर रे!५१
राम कृष्ण हरि गोरस मधु रे!५२
राम कृष्ण हरि मुरलीरव रे!५३
राम कृष्ण हरि हास्य मधुर रे!५४
राम कृष्ण हरि शैशव लोभस!५५
राम कृष्ण हरि यौवन राजस!५६
राम कृष्ण हरि आकृति गोंडस!५७
राम कृष्ण हरि पंकज सुंदर!५८
राम कृष्ण हरि सौरभ सुंदर!५९
राम कृष्ण हरि ऋतु कुसुमाकर!६०
राम कृष्ण हरि झांज झणझणे!६१
राम कृष्ण हरि वायु रुणझुणे!६२
राम कृष्ण हरि रिंगण धरणे!६३
राम कृष्ण हरि मृदंग बोले!६४
राम कृष्ण हरि भाविक बोले!६५
राम कृष्ण हरि साधक डोले!६६
राम कृष्ण हरि दिंडी चाले!६७
राम कृष्ण हरि वदनी आले!६८
राम कृष्ण हरि तनिमनि मुरले!६९
राम कृष्ण हरि प्रीतिच प्रीती!७०
राम कृष्ण हरि भक्तिच भक्ती!७१
राम कृष्ण हरि शांतिच शांती!७२
राम कृष्ण हरि सहा अक्षरे!७३
राम कृष्ण हरि रुद्राक्षच रे!७४
राम कृष्ण हरि शुद्ध भस्म रे!७५
राम कृष्ण हरि शिल्पकला रे!७६
राम कृष्ण हरि गानकला रे!७७
राम कृष्ण हरि नृत्यकला रे!७८
राम कृष्ण हरि स्थिर आसन रे!७९
राम कृष्ण हरि समाधि सुख रे!८०
राम कृष्ण हरि मौन मधुर रे!८१
राम कृष्ण हरि जीवनकविता!८२
राम कृष्ण हरि जीवन सरिता!८३
राम कृष्ण हरि जीवन गीता!८४
राम कृष्ण हरि अटवी पट्टण!८५
राम कृष्ण हरि मानस मोहन!८६
राम कृष्ण हरि अंतर शोधन!८७
राम कृष्ण हरि भवभयभंजन!८८
राम कृष्ण हरि अमृत मंथन!८९
राम कृष्ण हरि अलख निरंजन!९०
राम कृष्ण हरि अरिनिर्दालन!९१
राम कृष्ण हरि सज्जनरक्षण!९२
राम कृष्ण हरि धर्मस्थापन!९३
राम कृष्ण हरि तीर्थाटन रे!९४
राम कृष्ण हरि सत्संगति रे!९५
राम कृष्ण हरि निदिध्यास रे!९६
राम कृष्ण हरि हीच पंढरी!९७
राम कृष्ण हरि खरी कस्तुरी!९८
राम कृष्ण हरि श्रीमदनारी!९९
राम कृष्ण हरि नवविधभक्ति!१००
राम कृष्ण हरि प्रभुची शक्ति!१०१
राम कृष्ण हरि विषयि विरक्ति!१०२
राम कृष्ण हरि हटवी आतप!१०३
राम कृष्ण हरि विशाल पादप!१०४
राम कृष्ण हरि हा अजपाजप!१०५
राम कृष्ण हरि दीप प्रज्वलन!१०६
राम कृष्ण हरि थोर उपायन!१०७
राम कृष्ण हरि श्रीकृष्णार्पण!१०८
राम कृष्ण हरि ॐ  हरि ॐ!१०९

श्रीकृष्णार्पणमस्तु

रचयिता: श्रीराम बाळकृष्ण आठवले
८.१०/९.१०.१९७७

No comments:

Post a Comment