आते जाते हम गाते हैं
जय बजरंग बली।ध्रु.
रामचंद्र की सेवा में
इस जीवन की शाला में
छाया शीत मिली।१
नामरतन ऐसा पाया
मैं, मेरा सब कुछ खोया
रामकथा सुन ली।२
रामचंद्र की जय बोलो
परिवर्तन तुम कर डालो
अभिनव स्फूर्ति मिली।३
दास बना वह धन्य हुआ
कृतार्थ उसका जन्म हुआ
सुंदर सीख मिली।४
बलोपासना, गुणोपासना
कलोपासना यही साधना
आज्ञा प्रभु की मिली।५
रचयिता : श्रीराम बाळकृष्ण आठवले
८.६.२००२
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