Shriram Balakrishna Athavale's Literature
Wednesday, November 30, 2022
चल मन गीता गाता, श्रवता आचर थोडी रे!
ऑडिओ - चल मन गीता गाता श्रवता
चल मन गीता गाता, श्रवता
आचर थोडी रे!ध्रु.
जीवन संगर
हे ध्यानी धर
टाळता न ये रे!१
गुणगंभीरा
हे खंबीरा
आत्मरूप स्मर रे!२
शोक कशाचा -
या देहाचा?
शाश्वत जाण बरे!३
रचयिता : श्रीराम बाळकृष्ण आठवले
२३.०९.१९७९
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