Sunday, September 18, 2022

श्रीकृष्ण गोविन्द गाते चलो हसाते, रिझाते, लुभाते चलो। ध्रु


श्रीकृष्ण गोविन्द गाते चलो
हसाते, रिझाते, लुभाते चलो। ध्रु

हमें चाहिए, हम करें वन्दना
हमें चाहिए, हम त्यजे कामना
इसी जन्म में मुक्ति पाने चलो।१

जहां हम चलेंगे वहां कृष्ण है
जहां हम बसेंगे वहां कृष्ण है
सखा श्याम अन्दर छिपाते चलो।२

सदाचार ही धर्म कहते हैं श्याम
दुराचार ही पाप कहते हैं श्याम
सदा धर्म का पक्ष लेते चलो।३

रचयिता : श्रीराम बाळकृष्ण आठवले

No comments:

Post a Comment