सियावर रामचंद्र की जय!
सियावर रामचंद्र की जय!
रामकथा सचमुच सुरसरिता
जो कोई लिखता, पढता, सुनता
पल में पापविलय!
आंजनेयजी आपही आते
घर घर को वह अवध बनाते
सज्जन सब निर्भय!
सियाराम माँ बाप हमारे
भाविक हैं प्राणों से प्यारे
अतिपावन आलय!
तानपुरा लेकर हाथो में
गाओ नाचो बडी खुशी में
बंधन बस स्वरलय!
तुलसीदास की कृपा भई हैं
सपरिवार राम आए हैं
सुभग सुभग प्रत्यय!
रचयिता : श्रीराम बाळकृष्ण आठवले
No comments:
Post a Comment